बाली उमर
बाली उमर
बाली उमर,सरल,सजग,बेख़बर
इठलाती,मचलाती बेसुध बेफ़िकर
निश्छल बहती जैसे जल की धारा
चंचल मतवाली मानो ढूँढे किनारा
अनछुई मासूमियत,बावरा मन
मुक्त छंद सा भोला अल्हड़पन
पेंगे भरती उन्मुक्त गगन की ओर
रोके उसे लाज की रेशम डोर
प्रथम प्रणय,आशाओं का उपवन
लजाती खिलती कलियों का चित्वन
उन्माद भरा योवन, पहली मुग्ध नज़र
बाँधो ना इसके उम्मीदों के पर
जल तरंग ध्वनि सा जीवन गान
मृदु कम्पन लिए अधरों की मुस्कान
छलकता तारुण्य उर पावन पुनीत
आशा बँधे नयन ढूँढे मन का मीत
रेखा