बारिश की बरसती बूंदो से
शाम से एक लहर है मन्न में ,
बारिश की बरसती बूंदो से,
फिर हस भी देगी, बरस पड़ेगी,
सोने ना देगी, चमक पड़ेगी,
कह डाला जो, उठो ना निंदो से,
शाम से एक लहर है मन्न में ,
सागर में बहने को पागल,
तेज चली, सागर में नदियों से,
आज भी बरसी, कल भी बरसी है,
ऊँचे पर्वतो में, ऊँचे अम्बर से,