Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#1 Trending Author
Dr. Kishan tandon kranti
279 Followers
Follow
Report this post
3 Sep 2024 · 1 min read
“बात पते की”
“बात पते की”
जिन्दगी का सबसे बड़ा काम है :
खुद को पहचानना।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
4 Comments
· 65 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like:
"बिन तेरे"
Dr. Kishan tandon kranti
बदलाव
Dr. Rajeev Jain
*लाल सरहद* ( 13 of 25 )
Kshma Urmila
काम
Shriyansh Gupta
..
*प्रणय*
ছায়া যুদ্ধ
Otteri Selvakumar
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
इतने बीमार
Dr fauzia Naseem shad
पेड़ से कौन बाते करता है ?
Buddha Prakash
गंगा अवतरण
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कविता जीवन का उत्सव है
Anamika Tiwari 'annpurna '
अब तो आई शरण तिहारी
Dr. Upasana Pandey
4522.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुझे खो कर तुझे खोजते रहना
अर्चना मुकेश मेहता
हम तो मतदान करेंगे...!
मनोज कर्ण
कुछ पल जिंदगी के उनसे भी जुड़े है।
Taj Mohammad
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
Piyush Goel
मन नही है और वक्त भी नही है
पूर्वार्थ
नहीं आया कोई काम मेरे
gurudeenverma198
जिंदगी रो आफळकुटौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
एक कहानी सुनाए बड़ी जोर से आई है।सुनोगे ना चलो सुन ही लो
Rituraj shivem verma
*पास बैठो घड़ी दो घड़ी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*खुशियों की सौगात*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
...
Ravi Yadav
चाचा नेहरू
नूरफातिमा खातून नूरी
महफिलों में अब वो बात नहीं
Chitra Bisht
*नकली दाँतों से खाते हैं, साठ साल के बाद (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं चाहता था तुम्हें
sushil sarna
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
Loading...