Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2024 · 1 min read

“बात पते की”

“बात पते की”
जिन्दगी का सबसे बड़ा काम है :
खुद को पहचानना।

2 Likes · 4 Comments · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
सब अनहद है
सब अनहद है
Satish Srijan
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
VINOD CHAUHAN
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
Paras Nath Jha
पितर पाख
पितर पाख
Mukesh Kumar Sonkar
बावन यही हैं वर्ण हमारे
बावन यही हैं वर्ण हमारे
Jatashankar Prajapati
अति भाग्यशाली थी आप यशोदा मैया
अति भाग्यशाली थी आप यशोदा मैया
Seema gupta,Alwar
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
बम बम भोले
बम बम भोले
gurudeenverma198
रात
रात
sushil sarna
ई-संपादक
ई-संपादक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इल्म़
इल्म़
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
Neelofar Khan
* हासिल होती जीत *
* हासिल होती जीत *
surenderpal vaidya
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
कवि दीपक बवेजा
दिल की गलियों में कभी खास हुआ करते थे।
दिल की गलियों में कभी खास हुआ करते थे।
Phool gufran
"नवरात्रि पर्व"
Pushpraj Anant
ज़रूरतों की भीड़ में
ज़रूरतों की भीड़ में
Dr fauzia Naseem shad
तमाम उम्र अंधेरों में कटी थी,
तमाम उम्र अंधेरों में कटी थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*पुस्तक का नाम : लल्लाबाबू-प्रहसन*
*पुस्तक का नाम : लल्लाबाबू-प्रहसन*
Ravi Prakash
टिक टिक टिक
टिक टिक टिक
Ghanshyam Poddar
सब कुछ कह लेने के बाद भी कुछ बातें दफ़्न रह जाती हैं, सीने क
सब कुछ कह लेने के बाद भी कुछ बातें दफ़्न रह जाती हैं, सीने क
पूर्वार्थ
"इंसान की जमीर"
Dr. Kishan tandon kranti
सभी फैसले अपने नहीं होते,
सभी फैसले अपने नहीं होते,
शेखर सिंह
3722.💐 *पूर्णिका* 💐
3722.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जीवन को नया
जीवन को नया
भरत कुमार सोलंकी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
Raju Gajbhiye
🙅आज का सच🙅
🙅आज का सच🙅
*प्रणय प्रभात*
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
Loading...