“बात इतनी सी”
तर्कशक्ति है पास जिसके
वो ही सवाल उठाते हैं,
दिमाग में जिसके कूड़े भरे
वो पत्थर को माथ नवाते हैं।
जमाने में पढ़-लिख चुके बहुत
मगर अन्दर से सोये हैं,
ऐसे लोगन को देखकर
धरर-धरर कबीरा रोये हैं।
शिक्षित होना बात है अच्छी
पर ज्ञानी होना बड़ी बात,
जाँचे-परखे बिन मानना
है सरासर महा-आत्मघात।
ओ मेरे प्यारे भाई-बहनों
हम बिल्कुल नहीं अभागे हैं,
बात सिर्फ इतनी सी है कि
हम अब तलक नहीं जागे हैं।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति +
डॉ. नेल्सन मंडेला ग्लोबल ब्रिलियंस अवार्ड-2022 प्राप्त।