“बह रही धीरे-धीरे”
“बह रही धीरे-धीरे”
बह रही धीरे-धीरे
सिमटी हुई खोई-खोई
जल-बिन्दु नहीं ये
है अश्रु-जल संजोई
देखा है रात को
वेदना से नदी बहुत रोई।
“बह रही धीरे-धीरे”
बह रही धीरे-धीरे
सिमटी हुई खोई-खोई
जल-बिन्दु नहीं ये
है अश्रु-जल संजोई
देखा है रात को
वेदना से नदी बहुत रोई।