*बहुत सौभाग्यशाली कोई, पुस्तक खोल पढ़ता है (मुक्तक)*
बहुत सौभाग्यशाली कोई, पुस्तक खोल पढ़ता है (मुक्तक)
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दिया मस्तिष्क दाता ने, तो पुस्तक व्यक्ति गढ़ता है
बनाने पुस्तकालय सौ में, आगे एक बढ़ता है
सभी की हाथ की रेखाऍं, साहित्यिक नहीं होतीं
बहुत सौभाग्यशाली कोई, पुस्तक खोल पढ़ता है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451