बहुत याद आती है
माँ में अब समझा तुझे
जब तुमसे बहुत दूर आ गया
माँ अब मुझे तेरी हर बात याद आती है
सुबह के अलार्म में तेरी आवाज याद आती है,
भूख लगने पर तेरे हाथ की याद आती है,
मुसीबत के समय तेरे साथ की याद आती है,
गलत काम पर तेरी डांट की याद आती है,
और उदासी में तेरे प्यार की याद आती है।।
माँ मुझे सच्च में तेरी बहुत याद आती है,
तुझे याद करते हुए मेरी आँखें भर आती है,
तू जो पास नहीं मेरे अभी,
ये सारी दुनिया सूनी नजर आती है।
माँ जी चाहता है अभी उड़ के तेरे पास चला आऊँ,
पर सोचता तेरे लिए कुछ बन में जाऊँ,
तेरी हर इच्छा पूरी करने को
में शायद काबिल हो जाऊँ,
और तेरी गोदी में आकर,
फिर सो में जाऊँ।।
नन्दलाल सुथार ‘राही’