बहुत खुश थे ज़िन्दगी को पाकर
बहुत खुश थे ज़िन्दगी को पाकर
हंसते हंसते हर ग़म को गले लगाया था
बेखबर थे जिन्दगी असलियत से तेरी
अपनो के शहर में अज़नबी से दिल लगाया था
भूपेंद्र रावत
30।04।2020
बहुत खुश थे ज़िन्दगी को पाकर
हंसते हंसते हर ग़म को गले लगाया था
बेखबर थे जिन्दगी असलियत से तेरी
अपनो के शहर में अज़नबी से दिल लगाया था
भूपेंद्र रावत
30।04।2020