बस इतनी सी बात है
बस इतनी सी बात मेरी कि
जब तुम औऱ मै आपस मे
मिले थे पहली बार
याद आता हैं वो पल
गले मिलने की वो बात
धीमे धीमे होठो की वो मुस्कुराहट
बस इतनी सी बात मेरी कि
तुम तो चले आये थे मिलने
मेरे एक निमंत्रण पर
ओर पीछे छोड़ गए एक
प्यारा सा अहसास
दिल धड़कने का वो अहसास
बस इतनी सी बात मेरी कि
कुछ बाते जो छोड़ गए थे
मेरे लिए प्रश्न जैसे
मै खोजती रही उत्तर दर उत्तर
खंगालती रही बात दर बात
और बस उस स्पर्श का अहसास
बाद इतनी सी बात मेरी कि
साथ बैठ की थी हमने ढेर बाते
मेरे गाल के तिल को चूमना
मिलने का वादा लिए साथ हम
लौट आये अपने अपने गंतव्य
फिर से कभी मिलने के लिए
बस इतनी सी बात मेरी कि
अचानक फिर मिली मैं तुमसे
कुछ अपनेपन का अहसाह लिए
औऱ तुमने भी मेरे अंतर्मन को
स्पर्श किया प्यारे जज्बात लिए
परख कर जाना मुझे करीब से
बस इतनी दी बात मेरी कि
अब हम साथ साथ हैं
हर रोज मिलन के लिए
हर बार, बार- बार, हम साथ- साथ
धीमे धीमे ही सही पर अब
हमेशा के लिए दोनों हम दोनों