Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2024 · 1 min read

“बस्तर दशहरा”

“बस्तर दशहरा”
सारी भाषाएँ क्यूँ ना पढ़िए
फिर भी अधूरे ककहरा,
जब तलक ना देखे हों आप
बस्तर का दशहरा।
दुनिया का अनोखा पर्व यह तो
पूरे पछत्तर दिन चलता,
होते नहीं रावण पुतला का दहन
माँ दंतेश्वरी को पूजती जनता।

2 Likes · 3 Comments · 37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।
नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।
Taj Mohammad
देहदान का संकल्प (सौहार्द शिरोमणि संत सौरभ पर अधारित)
देहदान का संकल्प (सौहार्द शिरोमणि संत सौरभ पर अधारित)
World News
प्यार का उपहार तुमको मिल गया है।
प्यार का उपहार तुमको मिल गया है।
surenderpal vaidya
किताबें
किताबें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अपना माना था दिल ने जिसे
अपना माना था दिल ने जिसे
Mamta Rani
*अनमोल हीरा*
*अनमोल हीरा*
Sonia Yadav
मन कहता है
मन कहता है
Seema gupta,Alwar
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
Suryakant Dwivedi
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
Bidyadhar Mantry
निःशुल्क
निःशुल्क
Dr. Kishan tandon kranti
खूबसूरत सा लगा है वो अंदाज़ तुम्हारा हमें,
खूबसूरत सा लगा है वो अंदाज़ तुम्हारा हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आदमी बेकार होता जा रहा है
आदमी बेकार होता जा रहा है
हरवंश हृदय
प्रणय गीत --
प्रणय गीत --
Neelam Sharma
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
🌸मन की भाषा 🌸
🌸मन की भाषा 🌸
Mahima shukla
जीवन एक संघर्ष ही तो है
जीवन एक संघर्ष ही तो है
Ajit Kumar "Karn"
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*हमने एक पतंग उड़ाई (बाल कविता)*
*हमने एक पतंग उड़ाई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
इंसान
इंसान
Sanjay ' शून्य'
लेखक कि चाहत
लेखक कि चाहत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रोटी की क़ीमत!
रोटी की क़ीमत!
कविता झा ‘गीत’
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ
अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ
Sarfaraz Ahmed Aasee
कब बरसोगे बदरा
कब बरसोगे बदरा
Slok maurya "umang"
..
..
*प्रणय*
I've lost myself
I've lost myself
VINOD CHAUHAN
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
Phool gufran
वृंदावन की कुंज गलियां
वृंदावन की कुंज गलियां
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2753. *पूर्णिका*
2753. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...