*बसंत*
बसंत तेरे आने से जान आ गई,
पेड़ों में नहीं खुशबू,
धरती पर फिर शान आ गई।
बसंत तेरे आने से जान आ गई।।
कभी ठंडक से ठिठुरता जीवन,
सूरज में भी कमी थी,
जीवन में फिर से मुस्कान आ गई।
बसंत तेरे आने से जान आ गई।।
कलियां भी चटकी,
चिड़िया भी चहकी,
पपीहे में फिर से तन आ गई।
बसंत तेरे आने से जान आ गई।
बसंत तेरे आने से जान आ गई।।
शशांक मिश्रा