Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2022 · 1 min read

*बरसे एटम बम अगर 【कुंडलिया】*

बरसे एटम बम अगर 【कुंडलिया】
■■■■■■■■■■■■■■■■■
बरसे एटम बम अगर , होगा पूर्ण विनाश
पछताएगी यह धरा , रोएगा आकाश
रोएगा आकाश , हँसी खो – खो जाएगी
चारों ओर विलाप , सभ्यता मुरझाएगी
कहते रवि कविराय ,न जीवन को जग तरसे
दो सबको सद्बुद्धि , नहीं एटम बम बरसे
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 210 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
गीत
गीत
Shiva Awasthi
आश्रय
आश्रय
goutam shaw
Not only doctors but also cheater opens eyes.
Not only doctors but also cheater opens eyes.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*** हम दो राही....!!! ***
*** हम दो राही....!!! ***
VEDANTA PATEL
संगीत का महत्व
संगीत का महत्व
Neeraj Agarwal
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
Sukoon
वही दरिया के  पार  करता  है
वही दरिया के पार करता है
Anil Mishra Prahari
अब किसी से
अब किसी से
Dr fauzia Naseem shad
🙅शायद🙅
🙅शायद🙅
*Author प्रणय प्रभात*
R J Meditation Centre
R J Meditation Centre
Ravikesh Jha
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
Shashi kala vyas
दीप आशा के जलें
दीप आशा के जलें
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रूबरू।
रूबरू।
Taj Mohammad
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
कौन कहता ये यहां नहीं है ?🙏
कौन कहता ये यहां नहीं है ?🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चाय (Tea)
चाय (Tea)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
23/77.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/77.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*राम-विवाह दिवस शुभ आया : कुछ चौपाई*
*राम-विवाह दिवस शुभ आया : कुछ चौपाई*
Ravi Prakash
सुनो प्रियमणि!....
सुनो प्रियमणि!....
Santosh Soni
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
VINOD CHAUHAN
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
शेखर सिंह
लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर
लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर
कवि दीपक बवेजा
Know your place in people's lives and act accordingly.
Know your place in people's lives and act accordingly.
पूर्वार्थ
तुमने मुझे दिमाग़ से समझने की कोशिश की
तुमने मुझे दिमाग़ से समझने की कोशिश की
Rashmi Ranjan
पत्थरवीर
पत्थरवीर
Shyam Sundar Subramanian
मैं बिल्कुल आम-सा बंदा हूँ...!!
मैं बिल्कुल आम-सा बंदा हूँ...!!
Ravi Betulwala
पंचांग (कैलेंडर)
पंचांग (कैलेंडर)
Dr. Vaishali Verma
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
Harminder Kaur
🌷मनोरथ🌷
🌷मनोरथ🌷
पंकज कुमार कर्ण
Loading...