बरसात (बाल गीत)
बरसात
सांवले सलोने मेघों संग
आ गई बरसात
सात सुरो का राग लिए
आ गई बरसात ।
चहुँ ओर बरसा पानी
बच्चे भीगे मनमानी।
पंचम स्वर से सृजन किया
कोयल भी गाना गाए
कौआ भी बेचारा अपना
बेसुरा राग सुनाए।
मेंढ़क टर्र -टर्र बोले
मोर नाचे पंख खोले।
जहाँ – तहाँ सड़को पर
देखो पानी बहता जाए ।
बहता पानी कहे हमसे
मंजिल पर बढ़ते जाओ।
टप -टप की ये आवाज
गूँज रही हैं दूर – दराज।
टप – टप की इस आवाज
में मिली है सातो सरगम
मदमस्त है सारी दुनियां
और भीग रहे है हम ।
चारों तरफ है हरियाली
झूमें हर डाली – डाली ।
पात -पात हर डोल रहा है
मन मस्ती छाई मनमानी ।
झम -झम , झम – झम देखो
चारो तरफ है बरसा पानी ।
प्रतिलिपि अधिकार : कंचन प्रजापति