“बरसात का आगमन हुआ”
जिंदगी और मौत के बीच,
बरसात का आगमन हुआ,
नव कलरव गीत,
अब जीत का सुभागमन हुआ।
घोर घटायें छाई हैं,
मन मुरझायें है,
कहीं कोई तो आशा का दीप जले,
तब बरसात का आगमन हुआ।
जिंदगियाँ जूझ रहीं,
हवाई सूक्ष्म जीव के खौफ से,
जंग चल रही जहाँ मौत से,
नई सुबह के साथ,
बरसात का आगमन हुआ।
स्वच्छ जल की तलाश है,
जल के मूल में लाशें तैर रही,
जलीय जीव के साथ,
अब बंध चुके मानवता के हाथ,
जल राशि के साथ,
बरसात का आगमन हुआ।
दृश्य विहंगम देखकर,
बरसात भी चौंक जायेगी,
लाशों के ढेरों को,
कहाँ लेकर जायेगी,
आशा की बरसात आयेगी।
खुशियों की तलाश हैं,
अब बस बरसात पर विश्वास है,
जो सब बहाकर ले जायेगी,
चेहरों पर मुस्कान,
फिर से लौटकर आयेगी,
बरसात का आगमन हुआ।
जब लग रहा,
सभ्यता का पतन हो जायेगा,
उदासियों के बीच,
पेड़ पौधों में,
उमंग का रंग आयेगा,
बरसात का आगमन हुआ।
इस बरसात का,
वरदान होगा नदियों के लिए,
जो मैल है सब सिमट जायेगा,
पानी में पानी समायेगा,
बांधो के द्वार खुल जायेंगे,
बरसात का आगमन हुआ।
हो सकता है,
अभी तो हम जीत जायेंगे,
प्रश्न कल के लिए,
भविष्य निर्माण की,
नई-नई योजनाएं बना पाएंगे,
बदल रही प्रकृति,
क्या हम भी बदल पाएंगे,
प्रश्न के साथ,
बरसात का आगमन हुआ।
अनिल (सागर,मध्यप्रदेश)