बरसात आई झूम के…
बरसात आई झूम के…।
पवन करे शोर,
कोयल की मधुर गुंजन,
मयूरा नाचे भोर,
चिड़िया की चीं-चीं सुनकर,
मन बहलाए घन-घोर ।
बरसात आई झूम के…।।१।
गरज रहे हैं तीव्र ध्वनि से,
कड़क रही है बिजली तेज,
कंपन देते हृदय के नीचे,
सूरज की लालिमा के बीच,
इंद्रधनुष मन मोह रही है।
बरसात आई झूम के।।२।
अमृत की बूंँदें झड़ते ही,
फुदक-फुदक कर मेढ़क टर्राते,
निष्ठुर मौसम के तप से,
व्याकुल मन तरल हो जाते हैं ,
भीग-भीग कर जीव-जन्तु नहाते ।
बरसात आई झूम के …।।३।
ताल सरोवर जल से भर जाते,
सूखी नदिया भी उफनाती,
प्यासी धरती बरसात के जल से ,
खेत-खलिहानो में खुशहाली लाते,
पेड़-पौधों में हरियाली आई ।
बरसात आई झूम के…।।४।
कोई ओढ़े चुनरी ,
छतरी ताने सिर के ऊपर,
झटपट दौड़ बच कर आते,
कागज की नाव बहाने को,
बच्चे आये नहाने को ।
बरसात आई झूम के…।।५।
#बुद्ध प्रकाश….