Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2021 · 1 min read

बरसते सावन में__घनाक्षरी

???मनहरण घनाक्षरी छंद ???
घुमड़ घुमड़ कर,उमड़ उमड़ कर।
घटाएं तो अंबर में, घीर घीर आई है।।
छमा छम छम छम,बिजुरी चमक रही।
फुर फुर गिरे नीर, धरा को भिगाई है।।
हरी-भरी चादर सी, लग रही वसुंधरा।
कल कल छल छल नदियां बहाई है।।
हे बरखा की बौछार, जूं पावन सा त्यौहार।
बरसते सावन में, झड़ी भी सुहाई है।।

मिट्टी में महक है, पक्षियों की चहक में ।
कोकिला ने अपनी ही, रागिनी सुनाई है।।
बज रहे गाजे-बाजे, कहे कोई छाता लाजे।
ताजे ताजे नीर विचे, नाचे लोग लुगाई है।।
भाई हमको तो भाई, रितु बारिश जो आई।
भीगने से कौन बचा, सबको सुहाई है।।
कृषक भी दौड़े चले, खेत लगे भले भले।
लेकर के खाद बीज, करने बुवाई है।।
राजेश व्यास अनुनय

7 Likes · 8 Comments · 443 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वसियत जली
वसियत जली
भरत कुमार सोलंकी
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
कवि रमेशराज
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
Ranjeet kumar patre
मीठे बोल या मीठा जहर
मीठे बोल या मीठा जहर
विजय कुमार अग्रवाल
ई-संपादक
ई-संपादक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
Sahil Ahmad
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
Suryakant Dwivedi
तुम हो तो मैं हूँ,
तुम हो तो मैं हूँ,
लक्ष्मी सिंह
कितना और सहे नारी ?
कितना और सहे नारी ?
Mukta Rashmi
दर्द अपना संवार
दर्द अपना संवार
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
आईना
आईना
Sûrëkhâ
🙅fact🙅
🙅fact🙅
*प्रणय प्रभात*
दोस्त ना रहा ...
दोस्त ना रहा ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
समय
समय
नूरफातिमा खातून नूरी
**हो गया हूँ दर बदर चाल बदली देख कर**
**हो गया हूँ दर बदर चाल बदली देख कर**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोहा पंचक. . . नैन
दोहा पंचक. . . नैन
sushil sarna
ये  दुनियाँ है  बाबुल का घर
ये दुनियाँ है बाबुल का घर
Sushmita Singh
राखी सबसे पर्व सुहाना
राखी सबसे पर्व सुहाना
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
तू दूरबीन से न कभी ढूँढ ख़ामियाँ
तू दूरबीन से न कभी ढूँढ ख़ामियाँ
Johnny Ahmed 'क़ैस'
बुंदेली दोहा-गर्राट
बुंदेली दोहा-गर्राट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कुछ लिखूँ ....!!!
कुछ लिखूँ ....!!!
Kanchan Khanna
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
Dr. Alpana Suhasini
अगर दिल में प्रीत तो भगवान मिल जाए।
अगर दिल में प्रीत तो भगवान मिल जाए।
Priya princess panwar
* गीत कोई *
* गीत कोई *
surenderpal vaidya
शीतलहर
शीतलहर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
3192.*पूर्णिका*
3192.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लहजा बदल गया
लहजा बदल गया
Dalveer Singh
Loading...