बन जाएँ शाकाहारी !
नौ दिन बीते जपते-जपते,
जय-दुर्गे जय-दुर्गे जय-दुर्गे !
क्यों दस दिन के बाद कहे फिर,
ला-मुर्गे ला-मुर्गे ला-मुर्गे !!
खा ले क़सम, ताउम्र हम,
बन जाएँ शाकाहारी !
खायें जो जन, बस माँस ही,
हो जाती है बीमारी !!
सादा जीवन हो यदि,
उपजें उच्च विचार !
यह बनता है मानव,
जीवन का आधार !!
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