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2 Dec 2020 · 1 min read

बन गई है सुंदर नजम

**बन गई सुन्दर नजम**
********************

संपूर्ण हो गई है सारी रश्म
बन गई है सुन्दर सी नजम

बेशक बढ़ी दरमियाँ दूरियाँ
टूट चुके हैं वादे और कसम

मातृभाषा का देखो तो हाल
काम नहीं आ रहे हैं मलहम

रिश्ते निभने लगे किश्तों में
नित्य पैदा होते रहते वहम

अहंकार छाया है आँखों में
नज़र नहीं आती कहीं शर्म

हम हो गए अब मैं और तुम
अकेले अकेले हो गए हैं हम

काम नहीं आती भक्ति शक्ति
पूजा उपासना हो गई नरम

मनसीरत का मन नही साफ
माहौल होने लगे हैं गर्मागर्म
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
ਖੇੜੀ ਰਾਓ ਵਾਲੀ (ਕੈਥਲ)

Language: Hindi
1 Comment · 324 Views
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