बन्दर इंस्पेक्टर
बंदर बन गया है इंस्पेक्टर
लेता है वो सबसे घूंस।
पैसे लेता डरा-डरा कर
और चूसता सबका खून।।
एक दिन उसको घूंस मिली न
बंदर हो गया तब बेचैन।
भालू से थी उनकी अनबन
सोचा फिर मटकाकर नैन।।
भालू को गिरफ्तार किया है
बैठाया सरकारी वैन।।
भालू बोला किया क्या मैंने
बोला चुराई तुमने चैन।।
झूठा है इल्जाम ये मुझ पर
भालू बोला चिल्ला कर।
फिर भी माना न इंस्पेक्टर
बोला की चल पैसा भर।।
भालू ने दे दिए हैं पैसे
सोचा घर में बच्चे हैं।
पर मन ही मन सोच रहा था
परेशान क्यों सच्चे हैं।।
देख रही थी मैना सब कुछ
कैमरे में सब कैद किया।।
दौड़ के झट पहुंची वो थाने
वीडियो थाने में है दिया।।
पकड़े रिश्वत लेते बंदर
गई नौकरी उनकी छूट।
कान पकड़ कर माफ़ी मांगी
अब बोलूंगा कभी न झूठ।।
विजय बेशर्म