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17 Jun 2023 · 1 min read

बधाई का गणित / मुसाफ़िर बैठा

टेबल चिन्तक मित्र का
एसएमएस-सन्देश आया –
इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर
हम एक बार पुनः संकल्पित हों
इस बात के लिए कि
स्वतंत्रता का सम्मान करेंगे
अक्षुण्ण रखेंगे
इसके गण प्रतीकों को

और लगे हाथ इस मौके की
बधाई दे डाली मुझे मित्र ने

जवाबी सन्देश मैंने भी दागा
कहा मित्र को –
बधाई दे सकूँ तुम्हें भी
इस अवसर की
मुझे भी कम बेकरारी नहीं
लेकिन उस तरह से समाज में
स्वतंत्रता के उपभोग और
इसके गण को हासिल होने की
पहले कोई ठोस सूरत तो नजर आये
आज़ादी की छटाँक भर महक भी
तो करीने से
गण के गरीब मजलूम तबके को तर
कर पाए

और इस तरह
मुझ पर मित्र की बधाई उधार ही रही
गण के लिए उस स्वतंत्रतादेह पल के
आने के इंतज़ार में!

Language: Hindi
341 Views
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