*बदल सकती है दुनिया*
हर शक्स को इंसाफ़ मिलना चाहिए
इस चमन का हर फूल खिलना चाहिए
है ये दुनिया कितनी ख़ूबसूरत
हर शक्स को ये अहसास होना चाहिए
बदल रही है रवायतें, बदल रहे है रिश्ते
बदलाव है नियम प्रकृति का, बदलाव होना भी चाहिए
सुना है हमने कि बहुत बदल गए हैं लोग आजकल
जो भी हो, आख़िर इंसानियत का वजूद रहना चाहिए
आने वाली नस्लों के लिए इसे बचाना होगा
है वक़्त अभी भी अब तो हमें संभल जाना चाहिए
किसी और पर नहीं हम पर है ये दारोमदार
हमें दुनिया को और बेहतर बनाना चाहिए
सड़क किनारे लगाकर टेंट परिवार पाल रहा कोई
अब उसको भी अच्छा घर मिलना चाहिए
युद्ध ने अनाथ कर डाले जो मासूम बच्चे
न लगे बद्दुआ उनकी, उनके लिए भी कुछ करना चाहिए
जन्नत और कहीं नहीं, ये दुनिया ही जन्नत है
अब प्रकृति से ज़्यादा छेड़छाड़ छोड़ देनी चाहिए
क्या सुना है कि कोंक्रीट और सड़कों का जाल है जन्नत में
अब इन रोते बिलखते पहाड़ों की सुध हमें लेनी चाहिए
बदल दिए है रास्ते नदियों ने भी अपने
अब हमें भी थोड़ा बदलना चाहिए
करनी है हिफाज़त अपने परिवार की अगर
अपने घर नदी नालों से दूर बनाने चाहिए
बदलेंगे हम अगर बदल जाएगी ये दुनिया भी
पहले कौन बदलेगा ये इंतज़ार छोड़ देना चाहिए
मेरे अकेले करने से क्या होगा, मन से ये ख़्याल निकाल देना चाहिए
बूंद बूंद से भरता है घड़ा, हमेशा याद रखना चाहिए।