बदलते हैं रिश्ते
बदलते समय में, बदलते हैं रिश्ते
किससे कहोगे दिल के किस्से
कल मन में सूखा पड़ा था,
आज भावनाओं का बारिस गिरा है
किससे कहोगे दिल के किस्से
कल जिस से हंस के बातें हुई थी
आज वो खंजर लिए बस खड़ा है
छोड़ो बताना, दर्द पर आँसू गिराना
लिख दो और कर दो किताबों के हिस्से
…सिद्धार्थ