बदरा बरसे
रिमझिम रिमझिम बदरा बरसे
मन खुशी में झूमे,
प्राची बोली- ओ डुग्गू भैया
चलो आसमान को छूले।
सिद्धू प्रीति चीनू खुशी मिल
नाव गजब चलावें,
खेल-खेल में उछलकूद कर
गीत खुशी के गावें।
मछली रानी डुबक-डुबक कर
सारे जग हरसावे,
सर सर सर सर जोश-जोश में
नदी पार हो जावे।
मेरी प्रकाशित कृति : ‘पंखों वाला घोड़ा’ से।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
बेस्ट पोएट ऑफ दि ईयर।