बताना है –गज़ल
09/01/2021
मनोरमगा छंद
मापनी गालगागा गालगागा गा
राज हमसे ही छुपाना है
बात तुमको ही बताना है ।
आ गये थे ,रात बातों में।
मुख दिखा के क्यूँ सताना है ।
रोज आकर क्यों मनाते हो
गीत सुन के मुस्कुराना है।
रोशनी भी तड़प जाती
चांदनी से घर सजाना है ।
नैन में ही क्यूँ उलझते हो
घर वहीं तुमको बसाना है।
बन गयी सुंदर कहानी ये
आप को ही बस सुनाना है।
कृष्ण राधा का युगल अनुपम
नेह का किस्सा पुराना है।
पाखी