*बताना क्या है*
हमें कितनी मोहब्बत है तुमसे,बताना क्या है।
गीत रह जाएंगे गुंन गुनाने के लिए,जताना है।।
हमारे बुजुर्गों के हौशले नहीं पढ़े तुमने अभी
जिशम ए रंग निछावर कर दिया जाना क्या है।।
बांहे उंगलियां वेदर्द काट फेंकीं भिखमंगों के लिए
कैसा कम्पन ,क्रंदन कैसा, वेखौप, पैमाना क्या है।।
मग़र जमाने की रूह तक मैली नहीं हुई अफ़सोस है
कालिख़ ऐ जिगर की नज़रें झुकेंगी, बहाना क्या है।।
हमारी मोहब्बत के बदले हमें सजा मिलती है यहाँ
कितनी गहरी दरिया में जान दे मरें ,सताना क्या है।।
यहीं धरा रह जाएगा यह ,सब जानते हैं बखूबी मग़र
हम सफा दिल हैं साहब नापाक नहीं बहकाना क्या है।।