बताओ गुनहगार कौन है
कोई जब निगाहों से अपना बना ले
बताओ गुनाहगार कौन है
किसी का चेहरा जब दिल चुरा ले
बताओ गुनाहगार कौन है
उन्होंने ही नजरों से नजरें मिलाया
उन्होंने अदाओं का जादू चलाया
चोरी – चोरी खत लिखते हैं
फिर भी कहते हैं मोहब्बत नहीं है
हम तो जमाने के निगाहो मे है
बताओ वफादार कौन है
उन रास्तों को तकता हूं मैं
जिन रास्तों से गुजरते हैं वह
बिना काम के वह यहां तक आते
यूं ही यहां से गुजरते हैं वह
मुझे देखकर मुस्कुराते हैं वह
बताओ तलबगार कौन है
कोई जब निगाहों से अपना बना ले
बताओ गुनाहगार कौन है
किसी का चेहरा जब दिल चुरा ले
बताओ गुनाहगार कौन है