बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)
बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)
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बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन
बड़े लोगों का प्रतिदिन, सॉंप-सीढ़ी खेल का जीवन
बड़े लोगों की मत पूछो कभी मंत्री कहाते हैं
कभी फल-भोग कर्मों का, तो मिलता जेल का जीवन
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451