“बड़ी चुनौती ये चिन्ता”
“बड़ी चुनौती ये चिन्ता”
चादर से मुँह ढँककर
मत सोचना कि
जग की सारी चिन्ताओं से
महफ़ूज हैं आप,
रोशनी की तरह चिन्ता भी
कहीं ना कहीं से
आ धमकती है पास।
“बड़ी चुनौती ये चिन्ता”
चादर से मुँह ढँककर
मत सोचना कि
जग की सारी चिन्ताओं से
महफ़ूज हैं आप,
रोशनी की तरह चिन्ता भी
कहीं ना कहीं से
आ धमकती है पास।