बड़ा ही अजीब है
बड़ा ही अजीब है
रिश्ता हमारा – तुम्हारा
कमल के पत्ते पर चमकती
पानी की इक बूँद की तरह
साथ हो कर भी
एक नहीं हुए कभी
हुए जरा अलग तो क्या
जैसे कभी साथ ही ना थे
………. अतुल “कृष्ण”
बड़ा ही अजीब है
रिश्ता हमारा – तुम्हारा
कमल के पत्ते पर चमकती
पानी की इक बूँद की तरह
साथ हो कर भी
एक नहीं हुए कभी
हुए जरा अलग तो क्या
जैसे कभी साथ ही ना थे
………. अतुल “कृष्ण”