बच्चे कहाँ सोयेंगे…???
माँ ! माँ !
आसमान में काले बादल आ गये
अब तेज बारिश होगी
हम पानी में नाव चलायेंगे
शोर मचाते हुए बच्चे
कागज की नाव बनाने लगे
और माँ ~
बच्चों के खुशी के चमकते चेहरों
और ~
झोपड़ी के टूटे-फूटे छप्पर
को देखती, सोचने लगी –
अगर सचमुच बरसात होगी
पानी बरसेगा, छप्पर टपकेगा
बच्चे कहाँ सोयेंगे…???
रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत) ।
वर्ष :- २०१३.