Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2024 · 1 min read

बचपन

एक बचपन अपने अधनंगे बदन को
मैले कुचैले कपड़ों मे समेटता,

अपनी फटी बाँह से
बहती नाक को पौछता,

बचा खुचा खाकर भूखे पेट सर्द रातों में
बुझी भट्टी की राख में गर्मी को खोजता,

मुँह अन्धेरे उठकर अपने नन्हे हाथों से
कढ़ाई को माँजता,

और यह सोचता कि वह भी
बड़ा होकर मालिक बनेगा,

तब अपने से बचपन को
अधनंगा भूखा न रहने देगा,

न ठिठुरने देगा उन्हे सर्द रातों को,
और न फटने देगा उनके नन्हे हाथों को,

तभी भंग होती है तंद्रा उसकी,
जब पड़ती है एक लात मालिक की,

और आती है आवाज़,
क्यों बे दिन मे सोता है?

तब पथराई आँखें लिये वह
दिल ही दिल मे रोता है,

ग्राहकों की आवाज़ पर भागता है,

कल के इन्तज़ार मे यह सब कुछ,
सहता है ! सहता है ! सहता है !

1 Like · 55 Views
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

आत्महत्या
आत्महत्या
Harminder Kaur
पर्यावरण
पर्यावरण
Rambali Mishra
शरीफों में शराफ़त भी दिखाई हमने,
शरीफों में शराफ़त भी दिखाई हमने,
Ravi Betulwala
स्पर्श
स्पर्श
sheema anmol
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
Ranjeet kumar patre
न अच्छे बनो न बुरे बनो
न अच्छे बनो न बुरे बनो
Sonam Puneet Dubey
जी करता है
जी करता है
हिमांशु Kulshrestha
तुमसे इश्क करके हमने
तुमसे इश्क करके हमने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वाणी
वाणी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
नकाब खुशी का
नकाब खुशी का
Namita Gupta
सपना
सपना
Lalni Bhardwaj
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr. Rajeev Jain
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
shabina. Naaz
साहस है तो !
साहस है तो !
Ramswaroop Dinkar
*अंगूर (बाल कविता)*
*अंगूर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
" पिंजरा "
Dr. Kishan tandon kranti
उसका दुःख
उसका दुःख
Dr MusafiR BaithA
बैसाखी पर्व पर प्रीतम के दोहे
बैसाखी पर्व पर प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बरेली में झुमका यहाँ गिरा...
बरेली में झुमका यहाँ गिरा...
अरशद रसूल बदायूंनी
..
..
*प्रणय*
शायर
शायर
श्याम सिंह बिष्ट
चन्द्रयान मिशन
चन्द्रयान मिशन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
Abhishek Soni
सबका साथ
सबका साथ
Bodhisatva kastooriya
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
Sanjay ' शून्य'
कई बार मेरी भूल भी बड़ा सा ईनाम दे जाती है,
कई बार मेरी भूल भी बड़ा सा ईनाम दे जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
कवि रमेशराज
Change
Change
पूर्वार्थ
Loading...