Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 1 min read

बचपन की होली…

बचपन की होली…
होली के आने की खुशी में ,
होली के रंगों में रंग जाने में,

माह भर पहले जुट जाता तैयारी में
माह भर पहले शुरू हो जाता होली का खेल,

कोई गाता होरी, कोई खेलता जोगिरा
ना कोई थकता, ना कोई मुरझाता,

बस होली के आने की खुशी में
शुरू हो जाती ढाल मंजीरे की थपथपाई,

होली के एक दिन पहले होता धुरखेल
रात में होता होलिका दहन,

होली के दिन माँ के हाथों का पुआ
दादाजी के रंगों की बाल्टी,

दिन भर चलता रंगों का खेल
सबके साथ होती रंगों का खेल,

बड़ी याद आती है
बचपन के होली का मेल,
बचपन की होली….बड़ी याद आती है।
©✍️ शशि धर कुमार

Language: Hindi
140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shashi Dhar Kumar
View all
You may also like:
कविता : नारी
कविता : नारी
Sushila joshi
किसी का खौफ नहीं, मन में..
किसी का खौफ नहीं, मन में..
अरशद रसूल बदायूंनी
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
Ranjeet kumar patre
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
!! सोपान !!
!! सोपान !!
Chunnu Lal Gupta
विदाई गीत
विदाई गीत
Suryakant Dwivedi
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
Neelofar Khan
बढ़े चलो तुम हिम्मत करके, मत देना तुम पथ को छोड़ l
बढ़े चलो तुम हिम्मत करके, मत देना तुम पथ को छोड़ l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
सत्य कुमार प्रेमी
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
पूनम दीक्षित
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
Otteri Selvakumar
भावनात्मक निर्भरता
भावनात्मक निर्भरता
Davina Amar Thakral
*इश्क़ इबादत*
*इश्क़ इबादत*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
परदेसी की  याद  में, प्रीति निहारे द्वार ।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
sushil sarna
दिल बयानी में हर शख्स अकेला नज़र आता है,
दिल बयानी में हर शख्स अकेला नज़र आता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
Rj Anand Prajapati
3237.*पूर्णिका*
3237.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक और सुबह तुम्हारे बिना
एक और सुबह तुम्हारे बिना
Surinder blackpen
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
वसंत की बहार।
वसंत की बहार।
Anil Mishra Prahari
"फुरसतें सबके लिये जुटाई हमनें मग़र.,
पूर्वार्थ
शुभ धनतेरस
शुभ धनतेरस
Sonam Puneet Dubey
कुछ बिखरे ख्यालों का मजमा
कुछ बिखरे ख्यालों का मजमा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
!! कौतूहल और सन्नाटा !!
!! कौतूहल और सन्नाटा !!
जय लगन कुमार हैप्पी
शु
शु
*प्रणय*
Har Ghar Tiranga
Har Ghar Tiranga
Tushar Jagawat
"खूबसूरती"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त का तकाजा हैं की,
वक्त का तकाजा हैं की,
Manisha Wandhare
Loading...