फोन
विनती चरणों में प्रभु करते हैं करबद्ध,
रहें कुशल सदा सभी साथियों के फोन।
बिन मोबाइल न मिले खबर किसी की,
पसरा रहे रिश्तों-सम्बन्धों के मध्य मौन।
रिशतों के मध्य मौन इंटरनेट न हो सुस्त,
मिलते रहें फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टा पर,
रहें सदैव सभी हँसते – हँसाते और मस्त।
रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- ३०/०३/२०२२.