Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Oct 2021 · 1 min read

फैसले-फासले

✒️?जीवन की पाठशाला ??️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हर दिन अच्छा नही हो सकता लेकिन..हर दिन में कुछ अच्छा जरूर होता है…..,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आपका भविष्य,उससे बनता है जो आप..आज करते हैं,उससे नहीं जो आप कल करेंगे….,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की मन में जो है साफ साफ कह देना चाहिये क्यों कि सच बोलने से फैसले होते हैं और झूठ बोलने से फासले…,

आखिर में एक ही बात समझ आई की ज़रूरतें-ज़िम्मेंदारीयां और ख्वाहिशें..यूं तीन हिस्सों में दिन गुजर गुजर जाता है…………..!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …! ?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

Language: Hindi
Tag: लेख
215 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"A small Piece
Nikita Gupta
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
Meenakshi Masoom
आओ!
आओ!
गुमनाम 'बाबा'
*जाते हैं जग से सभी, राजा-रंक समान (कुंडलिया)*
*जाते हैं जग से सभी, राजा-रंक समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
gurudeenverma198
संकल्प
संकल्प
Vedha Singh
कवि की लेखनी
कवि की लेखनी
Shyam Sundar Subramanian
"भाभी की चूड़ियाँ"
Ekta chitrangini
My life's situation
My life's situation
Chaahat
क्या मेरा
क्या मेरा
Dr fauzia Naseem shad
मातृशक्ति
मातृशक्ति
Sanjay ' शून्य'
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
Shinde Poonam
" हिन्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
4562.*पूर्णिका*
4562.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नेता जी
नेता जी "गीतिका"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
"राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अधूरा घर
अधूरा घर
Kanchan Khanna
.
.
*प्रणय*
माँ के बिना घर आंगन अच्छा नही लगता
माँ के बिना घर आंगन अच्छा नही लगता
Basant Bhagawan Roy
जीवन जीते हैं कर्मठ
जीवन जीते हैं कर्मठ
Chitra Bisht
'अहसास' आज कहते हैं
'अहसास' आज कहते हैं
Meera Thakur
शीशे को इतना भी कमजोर समझने की भूल मत करना,
शीशे को इतना भी कमजोर समझने की भूल मत करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
'प्यासा'कुंडलिया(Vijay Kumar Pandey' pyasa'
'प्यासा'कुंडलिया(Vijay Kumar Pandey' pyasa'
Vijay kumar Pandey
पहले क्रम पर दौलत है,आखिर हो गई है रिश्ते और जिंदगी,
पहले क्रम पर दौलत है,आखिर हो गई है रिश्ते और जिंदगी,
पूर्वार्थ
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मिल  गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
मिल गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
करूँ प्रकट आभार।
करूँ प्रकट आभार।
Anil Mishra Prahari
अपनी नज़र में सही रहना है
अपनी नज़र में सही रहना है
Sonam Puneet Dubey
Loading...