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7 Jan 2021 · 1 min read

फूल

खिलकर फूल सदा उपवन में,भू की गोद सजाता है।
फैला कर सुगंध समीर में, तन मन को महकाता है।
सफल अल्प जीवन को करता,देकर यह सबकुछ अपना-
टूटे बिखरे डाली से यह, शोक कभी न मनाता है ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 166 Views
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