फूलों ने कली
फूलों ने कली से कहा इस गुल-ए-बहार का राज़ क्या है?
तबस्सुम में फैली इस महक में नया अंदाज सा क्या है?
कलियों ने फूलों से कहा….
शायद किसी महरूम का दिल खुशी से भरा है,
इसीलिए ये गुल-ए-बहार यूं शिद्दत से खिला है।
किसी बेबस के होंठों से गुमनाम हंसी वापस लौटकर आयी है,
शायद इसीलिए ये महक अपने नए अंदाज को पायी है।