फुर्सत के लम्हे गुज़र जाया करते थे
फुर्सत के लम्हे गुज़र जाया करते थे
आज उन्ही लम्हों को काटना दुश्वार हो रहा है
तेरे संग गुज़ारे थे जो लम्हें हंसते हंसते
आज उन्हीं लम्हों का इंतेज़ार हो रहा है
भूपेंद्र रावत
25।04।2020
फुर्सत के लम्हे गुज़र जाया करते थे
आज उन्ही लम्हों को काटना दुश्वार हो रहा है
तेरे संग गुज़ारे थे जो लम्हें हंसते हंसते
आज उन्हीं लम्हों का इंतेज़ार हो रहा है
भूपेंद्र रावत
25।04।2020