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26 Apr 2020 · 1 min read

फुर्सत के लम्हे गुज़र जाया करते थे

फुर्सत के लम्हे गुज़र जाया करते थे
आज उन्ही लम्हों को काटना दुश्वार हो रहा है
तेरे संग गुज़ारे थे जो लम्हें हंसते हंसते
आज उन्हीं लम्हों का इंतेज़ार हो रहा है

भूपेंद्र रावत
25।04।2020

Language: Hindi
1 Like · 255 Views
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