Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

छिपा गई जिंदगी

*राज जिंदगी का यूं हमसे छिपा गयी जिंदगी,
सरे राह महफ़िल में यूं मूर्ख बना गयी जिंदगी।
देखते रहे हम अपनी मौत का तमाशा,
मालूम नहीं हमको, किस जन्म का हिसाब लगा गयी जिंदगी।
राज जिंदगी………………

ढूंढते रहे हम रिश्तों की अहमियत यहां वहां,
भटके मुसाफ़िर बनके पता न हमें कहां-कहां,
राह चलती तस्वीरों ने छेड़ा हमें हर-कदम,
मालूम नहीं कैसे-कैसे कयास लगा गयी जिंदगी।
राज जिंदगी…………

कुछ खट्टे-कुछ मीठे रिस्तों की नुमाइशें मिलीं,
दरियादिली की कहीं नहीं मंजिलें मिलीं ।
उदासी का मंज़र,तो कहीं मायूसी मिली,
मालूम नहीं कैसे-कैसे प्रयास गवां गयी जिंदगी।।
राज जिंदगी …………..

15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नव वर्ष आया हैं , सुख-समृद्धि लाया हैं
नव वर्ष आया हैं , सुख-समृद्धि लाया हैं
Raju Gajbhiye
*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Tea Lover Please Come 🍟☕️
Tea Lover Please Come 🍟☕️
Urmil Suman(श्री)
आप जब हमको दिखते हैं
आप जब हमको दिखते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जाओ कविता जाओ सूरज की सविता
जाओ कविता जाओ सूरज की सविता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं ऐसा नही चाहता
मैं ऐसा नही चाहता
Rohit yadav
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
Ritu Asooja
नैतिकता ज़रूरत है वक़्त की
नैतिकता ज़रूरत है वक़्त की
Dr fauzia Naseem shad
फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है
फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है
Smriti Singh
क्यों इन्द्रदेव?
क्यों इन्द्रदेव?
Shaily
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
Rj Anand Prajapati
ईगो का विचार ही नहीं
ईगो का विचार ही नहीं
शेखर सिंह
चक्रव्यूह की राजनीति
चक्रव्यूह की राजनीति
Dr Parveen Thakur
लावनी
लावनी
Dr. Kishan tandon kranti
अक्सर यूं कहते हैं लोग
अक्सर यूं कहते हैं लोग
Harminder Kaur
दीवार में दरार
दीवार में दरार
VINOD CHAUHAN
आई वर्षा
आई वर्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
17रिश्तें
17रिश्तें
Dr Shweta sood
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
कवि दीपक बवेजा
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
Kuldeep mishra (KD)
समान आचार संहिता
समान आचार संहिता
Bodhisatva kastooriya
नाजायज इश्क
नाजायज इश्क
RAKESH RAKESH
नैन
नैन
TARAN VERMA
*शुभ रात्रि हो सबकी*
*शुभ रात्रि हो सबकी*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
Anil chobisa
2738. *पूर्णिका*
2738. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपनी वाणी से :
अपनी वाणी से :
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"ज्वाला
भरत कुमार सोलंकी
Loading...