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26 May 2024 · 1 min read

“फिर”

“फिर”
हर रोज सवेरा होता है,
फिर मन क्यों व्यथित होता है।
भँवर से मत डरना कभी,
वो डरने वाले को ही डुबोता है।

2 Likes · 2 Comments · 117 Views
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