फितरत
ये है इन्तेहा दर्दे- मुहब्बत की…
बस कहानी है इंसान की फितरत की…..
कहते है ना चोर चोरी से जाए
हेरा फेरी से ना जाये
बात इतनी सी है बस इंसान की फितरत की
ये तो मिट्टी से पैदा हुआ
उस मे ही मिल जाएगा
है ये दुनिया दो दिन की इंसान की फितरत की
कोई खुशी मिले तो खुश हो जाता है
दुख से दुखी तो होगा ही
यही तो जिंदगी है इंसान की फितरत की
अब तो ये होना चाहिए
किसी पे भरोसा नहीं करना चाहिए
क्यूँ की सब बदला सकता है
फितरत नहीं बदलती कभी इंसान की फितरत की