Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2017 · 1 min read

फागुन

छायी बहार
हवा ने रंग घोली
आया फागुन

मन भावन
धरा ओढ़ी चुनर
भाया फागुन

रंग गुलाल
हरओर मस्तियाँ
वर्षा फागुन

धूल कीचड़
मुखौटों पर लगी
हँसा फागुन

भांग -धतुरे
पी पीकर नाचता
नशा फागुन

चूनर भींगी
सकुचाई भऊजी
खिला फागुन

मिली राधिका
यमुना तट पर
झूमा फागुन

पूनम गर्ग

Language: Hindi
1 Like · 1020 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ज़िन्दगी का यक़ीन कैसे करें,
ज़िन्दगी का यक़ीन कैसे करें,
Dr fauzia Naseem shad
यूं न इतराया कर,ये तो बस ‘इत्तेफ़ाक’ है
यूं न इतराया कर,ये तो बस ‘इत्तेफ़ाक’ है
Keshav kishor Kumar
समस्याओं से तो वैसे भी दो चार होना है ।
समस्याओं से तो वैसे भी दो चार होना है ।
Ashwini sharma
नव रश्मियों में
नव रश्मियों में
surenderpal vaidya
वसंत - फाग का राग है
वसंत - फाग का राग है
Atul "Krishn"
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
Phool gufran
2897.*पूर्णिका*
2897.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*नियति*
*नियति*
Harminder Kaur
" टूटे हुए सपने "
Dr. Kishan tandon kranti
हिन्दी सूरज नील गगन का
हिन्दी सूरज नील गगन का
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
Paras Nath Jha
🙅NEVER🙅
🙅NEVER🙅
*प्रणय*
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
कृष्णकांत गुर्जर
फकीरी
फकीरी
Sanjay ' शून्य'
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
Suryakant Dwivedi
हम हमेशा सोचा करते थे कि सबके साथ अच्छा करेंगे तो हमारे साथ
हम हमेशा सोचा करते थे कि सबके साथ अच्छा करेंगे तो हमारे साथ
पूर्वार्थ
કેમેરા
કેમેરા
Otteri Selvakumar
जानते वो भी हैं...!!!
जानते वो भी हैं...!!!
Kanchan Khanna
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
Rekha khichi
वेदना की संवेदना
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
उत्तर
उत्तर
Dr.Priya Soni Khare
मेरे जीवन के दो साल कम कर दो,पर….
मेरे जीवन के दो साल कम कर दो,पर….
Piyush Goel
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
हिमांशु Kulshrestha
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
Dr Archana Gupta
जरूरत से ज्यादा
जरूरत से ज्यादा
Ragini Kumari
बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
Shweta Soni
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
Ravi Prakash
Loading...