फागुन
छायी बहार
हवा ने रंग घोली
आया फागुन
मन भावन
धरा ओढ़ी चुनर
भाया फागुन
रंग गुलाल
हरओर मस्तियाँ
वर्षा फागुन
धूल कीचड़
मुखौटों पर लगी
हँसा फागुन
भांग -धतुरे
पी पीकर नाचता
नशा फागुन
चूनर भींगी
सकुचाई भऊजी
खिला फागुन
मिली राधिका
यमुना तट पर
झूमा फागुन
पूनम गर्ग