फ़ितरत
आदत सोहबत और चाहत मोहब्बत, फ़ितरत के ये रूप अनोखे।
फ़ितरत को ना चालाकी समझो, फ़ितरत तो बस स्वभाव अनोखा।।
मस्ती हस्ती और चंचलता रौनक, फ़ितरत के ये रूप निराले।
फ़ितरत को ना गंदा समझो, फ़ितरत तो बस व्यवहार निराला।।
अन्तर्मुखी या बाह्यमुखी हो, फ़ितरत के ये रूप है प्यारे।
फ़ितरत बदली नही है जाती, फ़ितरत लगती खुद को प्यारी।।
हस्ते रहना या बस रोते रहना, फ़ितरत के ये रूप है न्यारे।
फ़ितरत जुड़ी है जन्म से हमसे, फ़ितरत का हर रूप है न्यारा।।
छल कर छलना धोखा देना, फ़ितरत की है अजब कहानी।
फ़ितरत आनी फ़ितरत जानी, फ़ितरत की ना कोई कहानी।।
मतलब मौका मौके पर चौका, फ़ितरत का है गजब झरोखा।
फ़ितरत अच्छी बुरी है फ़ितरत, फ़ितरत अंतर्मन का झरोखा।।
घुटते रहना कुछ ना कहना, मन ही मन सब-कुछ है सहना।
फ़ितरत होती खुद का गहना, फ़ितरत सबकी सबको सहना।।
हंसकर रहना खुलकर कहना, ना कुछ रखना ना कुछ सहना।
फ़ितरत के अनुरूप ही कहना, फ़ितरत पड़ती सबको सहना।।
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ललकार भारद्वाज