प्रेरणा के पंख
?यह कविता मेरे उन सभी विद्यार्थियों के लिए है जिन्हें इस बार परीक्षा परिणामों में सफलता हासिल नहीं हुई है।
मैं आह्वान करता हूं कि आज से अभी से शुरू हो जाए परिणामों के लिए अगली बाजी हमारी होगी ?
? प्रेरणा के पंख?
असफलता से डरकर,
सफलता का दामन छोड़ो
मत ।
पढ़ना लिखना ही है जीवन,
पढ़ना लिखना छोड़ो मत।
खट्टा मीठा स्वाद जीवन का,
इसे अपवाद बनाओ मत।
आज नहीं तो कल जीत तुम्हारी जरूर होगी,
अब इतना पछताओ मत।
चलते जाओ जीवन के पथ पर मंजिल जरूर आएगी,
एक ठोकर के डर से इतना तो घबराओ मत।
एक बार की हार से जीवन कभी नष्ट नहीं होता ,
जीत की रेस में दौड़ते सभी धावक हर धावक फर्स्ट नहीं होता।
असफलता से डरकर, सफलता का दामन छोड़ो
मत ।
पढ़ना लिखना ही है जीवन,
पढ़ना लिखना छोड़ो मत।
भरो श्वास कमर कस तैयार हो जाओ तुम,
लो पंख प्रेरणा के तुम्हें आज मैं देता हूं।
अगली सुबह उजियारी होगी
अबकी जीत तुम्हारी होगी
जाओ कर्तव्य पथ पर,
लो विजयी आशीर्वाद मैं देता हूं।
असफलता से डरकर,
सफलता का दामन छोड़ो
मत ।
पढ़ना लिखना ही है जीवन,
पढ़ना लिखना छोड़ो मत।
चतरसिंह गेहलोत
निवाली बडवानी९९९३८०३६९८