प्रेरणा और पराक्रम
जिंदगी संघर्षों का पथ
जिंदगी परीक्षाओं का प्रतिपल
तमस में उजियार करता जीवन
ज्वाला मशाल।।
निराशा में भी खोज लेता
आशा विश्वास उद्देश्य पथ
ना हारता न थकता नित्य नई
ऊर्जा उत्साह का पराक्रम।।
समय को साथ चलने को
कर दे लाचार अपनी पल
प्रहर का इतिहास लिखने
भर दे विचार।।
जीवब मृत्यु के जंजाल से
अलग गंदुम की तरह जलता
पल भर में ही युग को स्वयं का कारा देता आभास ।।
युग में नव चेतना का
संचार करता उत्कर्ष के
निष्कर्ष का उद्घोष करता
मानव मानवता करता उद्धार।।
नीति नियत को बदलने का
संग्राम लड़ता युग पुरुषार्थ का
नव अध्याय लिखता साहस शौर्य का शंख नादपरम शक्ति सत्ता का जीवन
करता सत्कार ।।
हुंकार से युग हलचल
युग हुंकार की प्रतिध्वनि
सार्थक्ता स्वीकार करता।।
युग गूंज पुकार ललकार
जीवन मौलिक मूल्यों की
चिंतन शीलता का चैतन्य।।
प्रलय में भी नव सृष्टि का
संकल्प विपात्ति परिस्थिति
विपरीत में संपूर्णता की
ऊर्जा उत्साह ।।
पराजय को विजय के लिए
लाकर करने वाला वीर
धन्य धीर गंभीर की नही
कोई उम्र ।।
ओजश्वी तेजश्वी
दृढ़ इच्छा शक्ति मानव ही
युग प्रेरक प्रेरणा दिग्दर्शक
पथ प्रदर्शक ।।
कायर कमजोर नही
हताश निराश नही
यंत्र तंत्र सर्वत्र प्रेरणा
प्रेरक प्रसंग ही युग
जीवन का योग्य अंग।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश