वो सोचते हैं कि उनकी मतलबी दोस्ती के बिना,
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात ही क्या है,
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
Wakt ko thahra kar kisi mod par ,
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
■ मनोरोग का क्या उपचार...?
*सब से महॅंगा इस समय, पुस्तक का छपवाना हुआ (मुक्तक)*
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
चेहरे का यह सबसे सुन्दर लिबास है
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
विछोह के पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अभी सत्य की खोज जारी है...
Vishnu Prasad 'panchotiya'