प्रेम पत्र
मैं सुबह-सुबह
मुहब्बत की
किताब लिखने
बैठ गया!
सपने में उनका
ख़त आया
ज़वाब लिखने
बैठ गया!!
सुर्ख़ी से
भरे हुए
उनके गोरे
मुखड़े को!
ओस में
नहाया हुआ
गुलाब लिखने
बैठ गया!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)