प्रेम ताकत
******* प्रेम-ताकत ******
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प्रेम में बहुत ही ताकत है
कुदरत ने बख्शी नियामत है
अफरातफरी सी मच जाए
दिल तोड़ना , बहुत लानत है
दिल मिले,तन मिल नहीं पाए
जमाने से यह शिकायत है
धोखाधड़ी एक फितरत है
आशिक की पुरानी आदत है
जीत ले क्षण में महलों को
स्नेह में ऐसी लियाकत है
गुलिस्तां गुलों का बिखर जाए
हर इक फूल होता आहत है
प्यार की उड़ान हैं रसभरी
मिले खुशी , पंख सलामत है
बच्चा बच्चा हुआ पहरेदार
चप्पे चप्पे में भरी शामत है
हो जाए गर जग जो वैरी
खुदा करता तब हिफाजत है
प्रेम मंजिल बेशक हो अधूरी
न कोईं गिला न शिकायत है
खुशियों की घड़ियाँ आ जाएं
सदियों की मिली रियाज़त है
मनसीरत दुआओं का अपर
मिले मोहब्बत मारफत है
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)