प्रेम कहानी
विधा-पूर्णिका
शीर्षक
प्रेम कहानी
सुनो – सुनो प्रेम कहानी, बचपन बीता ,आई जवानी।
कल्पनाओं में लगें पंख, सपनों में खो गई देखो !सुहानी।।
आयेगा एक दिन, ख्वाबों का राजकुमार।
कहानी सुनाती थी,मेरी प्यारी नानी।।
इश्क छुपाएं नहीं छुपता, कहते सभी इस जहां में।
दिल का हाल बताएं, प्रेम पत्र कबूतर लाएं जानी।।
सुखों की सेज, नैनों में है ख्वाबों का सुरूर।
सफेद घोड़े पर सवार होकर आएं राजकुंवर, लेने राजधानी।।
सफेद पगड़ी और शेरवानी पहन कर , गजब ढा रहा है दुल्हा।
नैन नक्श है तीख और क़लगी पहने है धानी।।
सात समुंदर पार से, आया हूं मैं तुझे ब्याहने।
मत दिखाओ नखरें, मान भी जाओ मेरी रानी।।
सारे सपने करूंगा पूरे,इक बार देखों ! महारानी।
नाउम्मीदी मत करना,हर शर्त है मैंने मानी।।
तुझे दिल में सजा कर रखूंगा,
तूं तो है मेरी प्राण प्यारी।
प्रेम नगरिया बसाऊंगा ,सात जन्मों का बंधन है,दीवानी।।
विभा जैन (ओज्स)
इंदौर (मध्यप्रदेश)