प्रेम ईश्वर
प्रेम ईश्वर प्रेम अल्लाह, प्रेम मंजिल रूहानी है
प्रेम इस फानी दुनिया की, फकत पहली कहानी है
प्रेम का सार है भक्ति, शास्वत सत्य है ईश्वर
प्रेम और इंसानियत का, पाठ है ईश्वर
प्रेम ही तो इस जगत में इंसानियत की कहानी है
प्रेम काबा प्रेम काशी, रब की निगाहे बानी है
प्रेम आधार है जग का, इंसानियत की निशानी है
प्रेम गंगा प्रेम जमुना, आबे जमजम का पानी है
प्रेम अमृत है इस जग का, प्रेम ही जिंदगानी है
प्रेम गुरु ग्रंथ गुरुओं का, प्रेम है कृष्ण की गीता
प्रेम है आयते कुरान वंदे, बाइबल की कहानी है
प्रेम कण कण में सजता है, सारी कुदरत में बसता है
समझ ले प्रेम को बंदे, ये रब की मेहरबानी है
प्रेम है पाक दुनिया में, युग युग की कहानी है
प्रेम कर सारी दुनिया से, प्रेम ईश्वर की वाणी है
प्रेम रब की इनायत है, खुदा की इबादत है
प्रेम धरती पर जन्नत है, प्रेम दुनिया रूमानी है
प्रेम की प्यास है सबको, आस विश्वास है जिसको
प्रेम स्वीकार है जग में, ये दिल की जुवानी है
प्रेम मां बाप है जग में, प्रेम दादी और नानी है
प्रेम रख सारी दुनिया से,छोटी जिंदगानी है
प्रेम से जी ले जमीं पर, दुनिया आनी जानी है
प्रेम की डोर पक्की है, ये दुनिया तो फानी है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी भोपाल मध्य प्रदेश