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12 Dec 2021 · 1 min read

//…प्रियतम …//

//… प्रियतम …//

चाहत भरी मुस्कान ,
होठों पर सजाकर ,
वफा की महक ,
सांसो में बसा कर ,
बस जाए ,
मेरी भावनाओं में ,
कोई प्रियतम
तन्हा है यहां ,
मेरा मन का मौसम…!

चिन्ता नेताम “मन”
डोंगरगांव (छ. ग.)

Language: Hindi
1 Like · 285 Views
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